सोमवार, 17 मई 2010

गीत

निज गौरव को निज वैभव को क्यों हिंदू बहादुर भूल गये
उपदेश दिया जो गीता में क्यों सुनना सुनाना भूल गये
निज गौरव को निज वैभव को क्यों हिंदू बहादुर भूल गये //1//
रावण ने सिया चुराई थी हनुमत ने लंका जलाई थी
अब लाखों सीता हरी गयी क्यों लंका जलना भूल गये
निज गौरव को निज वैभव को क्यों हिंदू बहादुर भूल गये //2//
गीता का पाठ पढ़ाया था अर्जुन को वीर बनाया था
क्यों रास रचना याद रहा क्यों चक्र चलाना भूल गये
निज गौरव को निज वैभव को क्यों हिंदू बहादुर भूल गये //3//
राणा ने राह दिखाई थी शिवराज ने भी अपनाई थी
जिस राह पे बंदा वीर चला उस राह पे चलना भूल गये
निज गौरव को निज वैभाव को क्यों हिंदू बहादुर भूल गये //4//
केशव की है ललकार यही भारत माता की पुकार यही
जिस गोद में जीवन् पाया है क्यों मान बढ़ाना भूल गये
निज गौरव को निज वैभव को क्यों हिंदू बहादुर भूल गये //5//