शनिवार, 8 अक्तूबर 2011

बने हम धर्म के योगी धरेंगे ध्यान भारत का

बने हम धर्म के योगी धरेंगे ध्यान भारत का
उठा कर धर्म का झंडा करें उत्थान भारत का
गले में शील की माला पहन कर ज्ञान की पगड़ी
पकड़ कर त्याग का झंडा धरें अभिमान भारत का
बने हम धर्म के योगी धरेंगे ध्यान भारत का

जलाकर स्वार्थ की होली उठाकर निष्‍ठ की झोली
जमाकर संत की टोली करें उच्चार भारत का
बने हम धर्म के योगी धरेंगे ध्यान भारत का

हमारे जन्म का सार्थक हमारे मोक्ष का कारण
हमारे स्वर्ग का साधन यही उद्धान भारत का
बने हम धर्म के योगी धरेंगे ध्यान भारत का
उठा कर धर्म का झंडा करें उत्थान भारत का

गुरुवार, 6 अक्तूबर 2011

न हो साथ कोई अकेले बढ़ो तुम

न हो साथ कोई अकेले बढ़ो तुम सफलता तुम्हारे चरण चूम लेगी
सदा जो जगाए बिना ही जगा है अंधेरा उसे देखकर ही भगा है
वही बीज पनपा पनपना जिसे था घूना क्या किसी के उगाए उगा है
अगर उग सको तो उगो सूर्य बनकर प्रखरता तुम्हारे चरण चूम लेगी
न हो साथ कोई अकेले बढ़ो तुम सफलता तुम्हारे चरण चूम लेगी ||
सही राह को छोड़ कर जो उड़े हैं वही देख कर दूसरों को कुढ़े हैं
बिना पंख तोले उड़े जो गगन मे न संबंध उनके गगन से जुड़े हैं
अगर उड़ सको तो पखेरू बनो तुम त्वरता तुम्हारे चरण चूम लेगी
न हो साथ कोई अकेले बढ़ो तुम सफलता तुम्हारे चरण चूम लेगी ||
न जो बर्फ की आँधियों से लड़े हैं कभी पग न उनके शिखर पर पड़े हैं
जिन्हें लक्ष्य से कम अधिक प्यार खुद से वही जी चुराकर विमुख हो खड़े हैं
अगर जी सको तो जियो जूझ कर तुम अमरता तुम्हारे चरण चूम लेगी
न हो साथ कोई अकेले बढ़ो तुम सफलता तुम्हारे चरण चूम लेगी ||

विश्‍व मंगल साधना के हम हैं मौन पुजारी

विश्‍व मंगल साधना के हम हैं मौन पुजारी
आराधक है विश्‍व शांति के अक्षयटेक हमारी
विश्‍व मंगल साधना के हम हैं मौन पुजारी

विविध पंथ मत दर्शन शैली भाषा रीति विधान प्रणाली
एक सचिदानन्द रूप की भव्य श्राष्टि यह सारी
विश्‍व मंगल साधना के हम हैं मौन पुजारी

अर्थ काम के पीछे सब नर भाग रहे हैं अंधे हो कर
धर्म भाव से दूर करेंगे विक्रति स्वेचछाचारी
विश्‍व मंगल साधना के हम हैं मौन पुजारी

वलिहीनों को नहीं पूछता बलबानो को विश्‍व पूजता
संघ शक्ति युग सत्य आज है मानवता हितकारी
विश्‍व मंगल साधना के हम हैं मौन पुजारी

संघ शक्ति यह विजय शालिनी खलसंहारक धर्म रक्षिणी
नये विस्व का स्रजन करेगी सब जन मंगलकारी
विश्‍व मंगल साधना के हम हैं मौन पुजारी