शनिवार, 8 अक्टूबर 2011

बने हम धर्म के योगी धरेंगे ध्यान भारत का

बने हम धर्म के योगी धरेंगे ध्यान भारत का
उठा कर धर्म का झंडा करें उत्थान भारत का
गले में शील की माला पहन कर ज्ञान की पगड़ी
पकड़ कर त्याग का झंडा धरें अभिमान भारत का
बने हम धर्म के योगी धरेंगे ध्यान भारत का

जलाकर स्वार्थ की होली उठाकर निष्‍ठ की झोली
जमाकर संत की टोली करें उच्चार भारत का
बने हम धर्म के योगी धरेंगे ध्यान भारत का

हमारे जन्म का सार्थक हमारे मोक्ष का कारण
हमारे स्वर्ग का साधन यही उद्धान भारत का
बने हम धर्म के योगी धरेंगे ध्यान भारत का
उठा कर धर्म का झंडा करें उत्थान भारत का

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