शुक्रवार, 9 दिसंबर 2011

बनें हम हिंद के योगी धरेंगे ध्यान भारत का

बनें हम हिंद के योगी धरेंगे ध्यान भारत का
उठा कर धर्म का झंडा करें उत्थान भारत का
गले में शील की माला पहनकर ज्ञान की कफनी
पकड़कर त्याग का झंडा रखेंगे मान भारत का

बनें हम हिंद के योगी धरेंगे ध्यान भारत का
उठा कर धर्म का झंडा करें उत्थान भारत का


जलाकर कष्ट की होली उठाकर ईष्ट की झोली
जमाकर संत की टोली करें उत्थान भारत का

बनें हम हिंद के योगी धरेंगे ध्यान भारत का
उठा कर धर्म का झंडा करें उत्थान भारत का

स्वरों में तान भारत की मुखों में आन भारत की
नयन में मूर्ति भारत की नसों में रक्त भारत का

बनें हम हिंद के योगी धरेंगे ध्यान भारत का
उठा कर धर्म का झंडा करें उत्थान भारत का

हमारे जन्म का सार्थक हमारे मोक्ष का कारण
हमारे स्वर्ग का साधन यही उत्थान भारत का

बनें हम हिंद के योगी धरेंगे ध्यान भारत का
उठा कर धर्म का झंडा करें उत्थान भारत का