सोमवार, 21 नवंबर 2011

सब देशों का एक दिन, भारत ये सरदार था

सब देशों का एक दिन, भारत ये सरदार था
जो भी आया इसकी शरण में, उसका बेड़ा पार था ||

जर्मन चीन जापान क्या, इटली रूस ईरान क्या
अमरीका यूनान क्या, हर कोई ताबेदार था ||
सब देशों का एक दिन, भारत ये सरदार था
जो भी आया इसकी शरण में, उसका बेड़ा पार था ||

दूध दही की धारियाँ न थी चोर चाकारियाँ
सतवंती थी नारियाँ ना कोई व्यभिचार था ||
सब देशों का एक दिन, भारत ये सरदार था
जो भी आया इसकी शरण में, उसका बेड़ा पार था ||

घर घर यज्ञ रचाते थे मुहं माँगा फल पाते थे
बादल मेह बरसाते थे न कोई बीमार था ||
सब देशों का एक दिन, भारत ये सरदार था
जो भी आया इसकी शरण में, उसका बेड़ा पार था ||

कहीं भी न था शोरासर दुश्मन का भी न था डर
क्रष्न सुदामा सा परस्पर कैसा सुंदर प्यार था ||
सब देशों का एक दिन, भारत ये सरदार था
जो भी आया इसकी शरण में, उसका बेड़ा पार था ||