गुरुवार, 6 अक्टूबर 2011

न हो साथ कोई अकेले बढ़ो तुम

न हो साथ कोई अकेले बढ़ो तुम सफलता तुम्हारे चरण चूम लेगी
सदा जो जगाए बिना ही जगा है अंधेरा उसे देखकर ही भगा है
वही बीज पनपा पनपना जिसे था घूना क्या किसी के उगाए उगा है
अगर उग सको तो उगो सूर्य बनकर प्रखरता तुम्हारे चरण चूम लेगी
न हो साथ कोई अकेले बढ़ो तुम सफलता तुम्हारे चरण चूम लेगी ||
सही राह को छोड़ कर जो उड़े हैं वही देख कर दूसरों को कुढ़े हैं
बिना पंख तोले उड़े जो गगन मे न संबंध उनके गगन से जुड़े हैं
अगर उड़ सको तो पखेरू बनो तुम त्वरता तुम्हारे चरण चूम लेगी
न हो साथ कोई अकेले बढ़ो तुम सफलता तुम्हारे चरण चूम लेगी ||
न जो बर्फ की आँधियों से लड़े हैं कभी पग न उनके शिखर पर पड़े हैं
जिन्हें लक्ष्य से कम अधिक प्यार खुद से वही जी चुराकर विमुख हो खड़े हैं
अगर जी सको तो जियो जूझ कर तुम अमरता तुम्हारे चरण चूम लेगी
न हो साथ कोई अकेले बढ़ो तुम सफलता तुम्हारे चरण चूम लेगी ||

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